पोषण अभियान 2.0 (Mission Poshan 2.0)
परिचय (Introduction):
अगर हम बात करे इस योजना के पूरा नाम, तो वो इस प्रकार से है -Prime Minister's Overarching Scheme for Holistic Nourishment (POSHAN) अभियान 2.0
शुरुआत : वर्ष 2021 (बजट 2021 -2022) के घोषण में
- यह एक प्रकार का अम्ब्रेला योजना है जिसमे 'आंगनवाड़ी सेवाएं', 'किशोरियों के लिए योजना' और पोषण शामिल हैं
- इससे देश में स्वास्थ्य और तंदुरस्ती के साथ-साथ रोग एवं कुपोषण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के वाली पोषण प्रथाओं पर नए सिरे से ध्यान देने के साथ पोषण सामग्री, वितरण, आउटरीच और मजबूत परिणाम प्राप्त करने के लिए लांच किया गया
नोडल मंत्रालय: महिला एवं बाल विकाश मंत्रालय द्वारा इसे लांच किया गया
उद्देश्य:
- देशभर में 0-6 वर्ष की आयु के बच्चो, किशोरियों, गर्भवती, महिलाओ और स्तनपान कराने वाली माताओ कि पोषण की स्थिति को बनलना इनका मुख्य उद्देश्य हैं।
लक्ष्य:
- स्वस्थ आहार और बच्चो की देखभाल करना जो अभी नवजात अवस्था में हैं या किशोर अवस्था में उनके परमपरागत प्रथाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना
- पोषण उद्यानों और खाद्य व्यवस्था के आधार के माध्यम से स्वस्थ और विविध आहार तक पहुँच प्रदान करना
- गर्भवती महिलाओ, स्तनपान, कराने वाली माताओ और बच्चो को गुवात्तापूर्ण पूरक पोषण प्रदान करना
- पोषण सम्बंधित सभी आवश्य्कताओ के अंतराल को पूरा करना इसका मुख्य लक्ष्य हैं
- गंभीर रूप से कुपोषित बच्चो का समय से इलाज को सुनिश्चित करना
महत्व:
- लक्ष्यों के माध्यम से कार्यक्रम स्टंटिंग, कुपोषण, एनीमिया और जन्म के समय कम वजन वाले बच्चो के स्तर को कम करने में मदद करेगा
- यह बेहतर निगरानी सुनिश्चित करेगा
- समय पर कार्यवाही करने के लिए अलर्ट जारी करना
- सुनश्चित किये गये लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए राज्यों /केंद्रशासित प्रदेशो को सम्बंधित मंत्रालयों और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशो के प्रदर्शन, मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के लिए प्रोत्साहन करेगा
पोषण अभियान 2.0
- आपको बता दे की इसे 8 मार्च, 2022 को झुंझुन (राजस्थान) से लांच किया गया
- यह बच्चो, गर्भवती महिलाओ और स्तनपान कराने वाली माताओ के लिए पोषण सम्बन्धी
- परिणामो में सुधारो के लिए प्रमुख क्रायक्रम हैं
- 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत की प्राप्ति सुनुश्चित करने के दृषिकोण के साथ एक विभिन्न मंत्रालयों का संयुक्त मिशन हैं
अब हर गरीब तक पहुंचेगा Mission Poshan 2.0
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वाहन :
- मेरे प्यारे देशवाशियो, देश के हर गरीब और हर एक व्यक्ति तक पोषण पहुँचाना सरकार की प्राथमिकता है। गरीब महिलाओ और बच्चो में कुपोषण और जरूरी पौष्टिक की कमी उनके विकास में बड़ी बाधा बन गयी है इसे देखते हुए यह तय किया गया है की सरकार अपनी अलग -2 योजनाओ के तहत जो चावल गरीबो को देती है उसे MODIFY करेगी उसको और भी उन्नति बनाएगी और गरीबो को पोषण युक्त चावल देगी।
- राशन की दुकान पर मिलाने वाला चावल हो या मिड-डे मील में बच्चो को मिलाने वाला चावल हो तो उसे FORTIFY चावल देने की योजना
- वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल FORTIFY कर दिया जायेगा
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण और पोषण से जुड़ा मुद्दा :
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के पहले चरण के दौरान सर्वेक्षण किए गए 22 राज्यों में से 16 राज्यों में 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों कम वजन और उम्र के अनुसार कम लंबाई एवं कम शारीरिक वृद्धि दर्ज की गई। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) 2019-20 के पहले चरण के आंकड़ों में 17 राज्यों की बाल कुपोषण की स्थिति स्पष्ट की गयी है।
चाइल्ड स्टंटिंग का अर्थ:
(बच्चों में नाटापन या उम्र के हिसाब से कम लम्बाई) के मानक में उम्र के अनुपात में बच्चों की वृद्धि मापी जाती है। एक आँकड़ों के मुताबिक अगर देखा जाये तो इस मामले में तेलंगाना, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में चाइल्ड स्टंटिंग के अनुपात में बढ़ोत्तरी हुयी है।
चाइल्ड मॉर्टलिटी रेट (Child Mortality Rate):
जिसका अर्थ हैं (शिशु मृत्यु दर) अर्थात 1000 जीवित बच्चों के जन्म (आयु वर्ग 1-5) पर होने वाली बच्चो के मौत की संख्या से है। सर्वेक्षण के आँकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2015-19 की अवधि में इस मानक में बहुत कम सुधार नहीं हुआ है। Data World bank के अनुसार 2015 में 43.5(चाइल्ड) , 2016 में 41(चाइल्ड), 2017 में 38.6 (child), 2018 में 36.6 (child) 2019 में 34.4 (चाइल्ड)
चिल्ड्रेन अंडरवेट (children underweight):
(बच्चों की लम्बाई की हिसाब से उनके वजन में कमी) के मामले में बच्चों की लंबाई के अनुपात में उसका वजन (बॉडी मास इंडेक्स-BMI) मापा जाता है। इसमें भी कई बड़े राज्य जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, असम और केरल में बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
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