फ़्रांस का दावा हैं की, अफ़्रीकी देश में लाशों को दफना रहा रूस
फ्रांस की सेना ने अभी हाल ही में एक सनसनीखेज खबरनामा का दावा किया है की अफ़्रीकी देश माली में सैन्य शिविर के पास रूस शवों को दफना रहा है इसे हरकत को देखकर फ़्रांस ने रूस पर आरोप लगाया है की रुसी लड़ाके उसे बदनाम करने कोशिस करने की शिविरों के पास दर्जनों नागरिको के शवों को दफना रहे है
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France claims Russia is burying dead bodies in the African country Image Source: Pixabay |
दरअसल हाल ही में फ़्रांस की सेना ने उत्तरी माली में सैन्य शिविरों को माली की सेना के हवाला किया है , फ़्रांस ने कहा है की उसके पास सबूत हैं की माली के उत्तरी हिस्से में गोस्सी सैन्य शिविर से करीब 4 किलोमीटर पूर्व में रूस के असैन्य लड़ाकू कॉकेशियन (श्वेत) सैनिक, माली के दर्जन भर नागरिको के शवों को बालू से ढक रहे हैं।
आपको बता दे की हाल ही में Gossi Base को फ़्रांस माली को सौंपा हैं आपको नहीं लगता की ऐसा क्यों हो रहा की फ़्रांस माली को को सौप रहा की वहां पर इसकी मिलिट्री की क्या
उपस्थिति हैं
फ़्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रो ने फरवरी, 2022 में कहा था की फ़्रांस, माली से अपनी सैनिको को वापस बुला लेगा लेकिन इसके पडोसी पश्चिमी अफ़्रीकी देशो में सैन्य उपस्थिति बनाए रखेगा फ़्रांस ने पहली बार 2013 में समाजवादी राष्ट्पति फ्रांकोइस होलांदे (Fransois Hollande) के नेतृत्व में माली में जिहादियों के खिलाफ सैनिको को तैनात किया था। लेकिन वर्तमान राष्ट्रपति एमैनुएल मेक्रो ने वहां से बाहर निकलने का फैसला माली में सत्ताधारी जून्टा
सरकार के साथ फ़्रांस के सम्बन्धो के टूटने के कारण लिया गया हैं। इस सैन्य अभियान का केन्द्र माली से नाइज़र स्थानांतरित किया जायेगा 'बरखाने फ़ोर्स' कहे जाने सुरक्षा बल के सैनिक चाड, नाइज़र, बुर्किना फासो और मॉरिटानिया में भी हैं
पश्चिमी अफ़्रीकी देश माली की संक्रमणकालीन सरकार द्वारा भाड़े के रुसी सैनिको की अपनी क्षेत्र में तैनात करने की अनुमति देने के बाद माली, उसके अफ़्रीकी पड़ोसियों और यूरोपीय संघ (EU) के बीच तनाव बढ़ गया हैं।
फ़्रांस की सेना 2013 से माली में सक्रीय हैं, जहाँ उसने इस्लामी चरमपंथियों को सत्ता से खदेड़ने के लिए हस्तक्षेप किया। हालाँकि विद्रोह लड़ाके फिर से इकट्ठा हो गए और माली की सेना और उसके सहयोगियों पर हमला करना शुरू कर दिया और इसीलिए फ़्रांस ने इस तरह की हस्तक्षेप किया हैं
फ़्रांस नहीं चाहता हैं की कोई भी देश इस तरह से उसे बदनाम न कर सके मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में और इसलिए इस तरह का आरोप रूस पर लगाया हैं
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