President Election 2022 Result Live Updates
राष्ट्रपति चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ संपन्न हुआ। चुनाव में 4754 मत पड़े, जिसमें से 4701 वैध और 53 अमान्य घोषित हुए। कोटा (राष्ट्रपति चुने जाने वाले उम्मीदवार के लिए) 5,28,491 था। द्रौपदी मुर्मू ने 2824 प्रथम वरीयता वोट हासिल किए जिनकी वैल्यू 6,76,803 है। उधर वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथग्रहण समारोह होगा।
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Draupadi Murmu with President Narendra Modi |
Bharat ki dusri mahila rashtrapati Bani Draupadi Murmu
Draupadi Murmu: कभी शिक्षिका रहीं द्रौपदी मुर्मू ने वार्ड काउंसलर से शुरू किया था राजनीतिक करियर आज वे भारत के सर्वोच्च पद पर राष्ट्रपति के दावेदार बन चुकी है, उनकी अपनी साफ़ नियति और समाज के सेवा के लिए अब तह जानी जाती रही है
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में एक संताली आदिवासी परिवार में बिरंची नारायण टुडू के घर हुआ था। द्रौपदी मुर्मू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत आज से 25 साल पहले एक वार्ड काउंसलर के रूप में शुरू की थी। इसके बाद वह विधायक भी बनीं।
खबरे विस्तार से:
द्रौपदी मुर्मू आज देश की 15वीं राष्ट्रपति बनने वाली हैं। चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी यशवंत सिन्हा को काफी मतों से पीछे छोड़ दिया है। उनकी जीत के साथ ही भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक गौरवशाली अध्याय जुड़ने वाला है। आपको बता दें, कि द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त होगा। इसके पहले महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी थी।
List Of All Presidents Of India:
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New President of India Draupadi Murmu talks with President Narendra Modi -AEF |
चुनाव के शुरुआत से ही ओडिशा की द्रौपदी मुर्मू Bharat ki dusri mahila rashtrapati की जीत तय मानी जा रही थी। अपने जीवन में तामाम संघर्षों के बाद द्रौपदी मुर्मू जी ने इस मुकाम को हासिल करने वाली हैं।
आइए इस खबर हम कुछ विशेष बातें बताते हैं, जो की उनकी शिक्षा, राजनीतिक करियर आदि के बारे में जो सबसे अलग करतीं है
संथाल आदिवासी परिवार में हुआ जन्म
64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू ओडिशा राज्य के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर (उपरबेड़ा ) की रहने वाली हैं बहरहाल वो एक छोटे गांव से समबन्ध रखती है। उनका जन्म 20 जून 1958 को एक संथाल आदिवासी परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई वही पास के गांव उपरबेड़ा के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय से की थी। इसके बाद उन्होंने अपनी आगे की पढाई भुवनेश्वर के रमादेवी महिला विश्वविद्यालय से पूरी की।
शिक्षिका के रूप में भी निभाई है भूमिका
द्रौपदी मुर्मू को पढ़ने-पढ़ाने का भी पहले से ही काफी शौक रहा है। आपको बता दे की वो कुछ दिन बिना पैसे के ही बच्चो को पढाई है, उन्होंने अपने शुरुआती जीवन में शिक्षिका की भी भूमिका निभाई है। रायरंगपुर के ही श्री अरविंदो इंटिग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में उन्होंने शिक्षिका के तौर पर काम किया। इसके अलावा वह ओडिशा सरकार में सिंचाई व उर्जा विभाग में जूनियर असिस्टेंट के पद पर भी रहीं।
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Draupadi Murmu talk with President Narendra modi -AEF |
भारत के राष्ट्रपतियों की सूची 2022
तमाम मुसीबतों से नहीं मानी हार
द्रौपदी मुर्मू का जीवन काफी संघर्षों भरा रहा। उनके पति श्यामचंद्र मुर्मू की असमय मौत तो हुई ही। उसके कुछ दिन बाद ही उनके दो बेटों की भी असमय ही मृत्यु हो गई। जिसके बाद वो काफी डिप्रेशन में आ गयी थी, हालांकि, उन्होंने इन दोनों हादसों से हार नहीं मानी और समाज की ओर अपनी जिम्मेदारियां निभाती रहीं। बता दें कि उनकी एक बेटी इतिश्री मुर्मू हैं।
वार्ड काउंसलर बन की राजनीतिक करियर की शुरुआत
द्रौपदी मुर्मू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत आज से 25 साल पहले एक वार्ड काउंसलर के रूप में शुरू की थी। इसके बाद वह विधायक भी बनीं। वह रायरंगपुर से दो बार विधायक रहीं हैं। साल 2015 में उन्होंने झारखंड के राज्यपाल के रूप में शपथ ली। खास बात यह रही कि उन्हें कार्यकाल पूरा होने के बाद भी राज्य की राज्यपाल बनाए रखा गया। आदिवासी हितों का ध्यान रखने वाली मुर्मू को सभी दलों की ओर से सराहना मिलती रही है।
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