फुकोकू-कानोबा ज्वालामुखी: जापान


 फुकोकू-कानोबा ज्वालामुखी: जापान UPSC SHORTS NOTES



Fukutoku-Okanoba Volcano: Japan

हाल ही में फुकुतोकू-ओकानोबा सबमरीन ज्वालामुखी (Fukutoku-Okanoba Submarine Volcano) में जापान से दूर प्रशांत महासागर में विस्फोट हुआ है।

  • इससे पहले हवाई के किलाउआ ज्वालामुखी में भूकंप के तेज़ झटके और ज़मीन में उभार देखा गया।
  • प्रमुख बिंदु

    • यह जापान के दक्षिण इवो जिमा द्वीप से पाँच किलोमीटर उत्तर में समुद्र से लगभग 25 मीटर नीचे स्थित है।
    • प्लम (Plume) सतह से 16 किलोमीटर की ऊँचाई तक पहुँच गया, जिससे विमानों और जहाज़ो के गुज़रने के लिये खतरा पैदा हो गया। यह इस प्रकार के ज्वालामुखी के लिये सामान्य नहीं है।
      • प्रायः निचले स्तर के प्लम सबमरीन विस्फोट से देखे जाते हैं।
      • विस्फोट और पनडुब्बी हाइड्रोथर्मल गतिविधियाँ प्रायः क्षेत्र में जल को दूषित करने का कारण बनती हैं और विस्फोट के दौरान ज्वालामुखी ने कई अस्थायी नए द्वीपों का निर्माण किया है।

    सबमरीन ज्वालामुखी:

    • हवाई से लेकर इंडोनेशियाआइसलैंड तक विश्व में सैकड़ों द्वीपों का निर्माण सबमरीन ज्वालामुखियों द्वारा किया गया है। सबमरीन ज्वालामुखी समुद्र की सतह के नीचे स्थित ज्वालामुखियों के समान होते हैं।
    • क्योंकि हवा के बजाय ये जल में विस्फोटित होते हैं, सबमरीन ज्वालामुखी स्थलीय ज्वालामुखियों की तुलना में काफी अलग व्यवहार करते हैं। उदाहरण के लिये सबमरीन ज्वालामुखियों में विस्फोट होना असामान्य है।
    • उनके ऊपर जल का भार बहुत अधिक दबाव बनाता है, जिसे आमतौर पर निष्क्रिय लावा के रूप में जाना जाता है जो समुद्र तल के साथ बहता है। अधिकांश सबमरीन विस्फोट समुद्र की सतह को विचलित नहीं करते हैं।

  • सकुराजिमा ज्वालामुखी: जापान 


चर्चा में क्यों?

हाल ही में जापान के प्रमुख पश्चिमी द्वीप क्यूशू में सकुराजिमा ज्वालामुखी में विस्फोट देखा गया।

 सकुराजिमा ज्वालामुखी

  • सकुराजिमा जापान के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है और इसमें विभिन्न स्तरों के विस्फोट नियमित आधार पर होते रहते हैं।
  • यह एक सक्रिय स्ट्रैटो वोलकानो है।
  • ऐतिहासिक रूप से सकुराजिमा में सबसे बड़े विस्फोट वर्ष 1471-76 के दौरान और 1914 में हुए थे।
  • इसमें विस्फोट 8वीं शताब्दी से दर्ज किया गया है।
  • कागोशिमा पर इसकी राख के लगातार जमा होने और इसकी विस्फोटक क्षमता के कारण इसे बहुत ही खतरनाक ज्वालामुखियों में से एक माना जाता है।

ज्वालामुखी:

volcano

  • परिचय:
    • ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह में एक उद्घाटन या टूटन है जो मैग्मा के रूप में गर्म तरल और अर्द्ध-तरल चट्टानों, ज्वालामुखीय राख और गैसों के रूप में बहार निकलता है।
    • शेष सामग्री ज्वालामुखी विस्फोट का कारण बनती है। इसके कारण तीव्र विस्फोट हो सकता है जिससे अत्यधिक मात्रा में पदार्थों का निष्कासन होता है।
    • विस्फोटित सामग्री पृथ्वी पर तरल पदार्थ("लावा" जब यह सतह पर हो, "मैग्मा" जब यह भूमिगत हो), राख और/या गैस हो सकती है।
  • मैग्मा में वृद्धि का कारण:
    • मैग्मा का निष्काशन तब होता है जब पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट अभिसारी गति करते हैं। मैग्मा खाली स्थान को भरने के लिये ऊपर उठता है। जब ऐसा होता है तो जल के भीतर भी ज्वालामुखी निर्माण की प्रक्रिया हो सकती है।
    • जब ये टेक्टोनिक प्लेट एक-दूसरे की ओर बढ़ते हैं तो मैग्मा भी ऊपर उठता है और प्लेट के हिस्से इसके आंतरिक भाग में गहराई में चले जाते हैं तो उच्च ताप और दबाव के कारण पर्पटी पिघल जाती है तथा मैग्मा के रूप में ऊपर उठ जाती है।
    • मैग्मा अंतिम रूप से हॉट-स्पॉट से ऊपर उठता है। हॉट-स्पॉट पृथ्वी के अंदर के गर्म क्षेत्र हैं। ये क्षेत्र मैग्मा को गर्म करते हैं। जब यह मेग्मा कम घना होता है तो ऊपर उठता है। हालाँकि मैग्मा के ऊपर उठने के कारण भिन्न-भिन्न हैं, फिर भी इनमें प्रत्येक में ज्वालामुखी के निर्माण की क्षमता हो सकती है।

प्रकार:

  • शील्ड ज्वालामुखी:
    • यह ज्वालामुखी कम श्यानता, बहता हुआ लावा पैदा करता है जो स्रोत से बहुत दूर फैलता है और हल्का ढलान वाले ज्वालामुखी का निर्माण करता है।
    • अधिकांश शील्ड ज्वालामुखी तरल पदार्थ, बेसाल्टिक लावा प्रवाह से बनते हैं।
      • मौना केआ और मौना लोआ शील्ड ज्वालामुखी हैं। वे हवाई द्वीप के आसपास दुनिया के सबसे बड़े सक्रिय ज्वालामुखी हैं।

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  • स्ट्रैटो ज्वालामुखी:
    • स्ट्रैटो ज्वालामुखी में अपेक्षाकृत खड़ी ढलान होती हैं और शील्ड ज्वालामुखियों की तुलना में अधिक शंकु के आकार की होती है।
    • वे श्यान, चिपचिपे लावा से बनते हैं जो आसानी से नहीं बहते हैं।

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  • लावा गुंबद:
    • कैरिबियाई द्वीप मॉन्टसेराट पर स्थित सौफरिएर पहाड़ी ज्वालामुखी, ज्वालामुखी के शिखर पर अपने लावा गुंबद परिसर के लिये जाना जाता है, जो विकास और पतन के चरणों से गुज़रा है। चूँकि चिपचिपा लावा बहुत तरल नहीं होता है, इसलिये जब यह बाहर निष्कासित होता है तथा यह आसानी से निकास छिद्र से ज़्यादा दूर नहीं जा सकता है। इसके बजाय यह निकास के शीर्ष पर ढेर के रूप में जमा हो जाता है जो गुंबद के आकार की संरचना बनाता है।

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  • काल्डेरा:
    • मैग्मा ज्वालामुखी के नीचे मैग्मा कक्ष में जमा होता है। जब ज्वालामुखी विस्फोट होता है तो मैग्मा कक्ष से बाहर निष्कासित होता है, जिससे मैग्मा कक्ष की छत सतह पर खड़ी दीवारों के साथ अवसाद या कटोरा की भांति संरचना बनाता है।
    • ये काल्डेरा हैं और दसियों मील की दूरी पर हो सकते हैं।

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भारत में ज्वालामुखी:

  • बैरन द्वीप, अंडमान द्वीप समूह (भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी)
  • नार्कोंडम, अंडमान द्वीप समूह
  • बारातांग, अंडमान द्वीप समूह
  • डेक्कन ट्रैप्स, महाराष्ट्र
  • ढिनोधर पहाड़ी, गुजरात
  • ढोसी पहाड़ी, हरियाणा
  • Japan Sakurajima volcano erupts: जापान में खतरनाक ज्‍वालामुखी सकूराजिमा एक बार फिर से भड़क उठा है। इस ज्‍वालामुखी के खतरे को देखते हुए सरकार लेने लेवल 5 का सर्वोच्‍च अलर्ट जारी किया है। यही नहीं पास में परमाणु रिएक्‍टर को देखते हुए सभी नागरिकों को वहां से निकाल लिया गया है।

टोक्‍यो: जापान में क्‍यूशू द्वीप समूह पर स्थित सकूराजिमा ज्‍वालामुखी एक बार फिर से खतरनाक तरीके से धधक उठा है। इस ज्‍वालामुखी में रविवार को लावा निकलने के बाद पूरे इलाके को खाली करा लिया गया। ज्‍वालामुखी विस्‍फोट को देखते हुए उच्‍चतम स्‍तर का अलर्ट लेवल 5 जारी किया गया है। इस विस्‍फोट से जापानी अधिकारियों की टेंशन इसलिए भी बढ़ी हुई है क्‍योंकि उससे कुछ किलोमीटर की दूरी पर एक पर‍माणु रिएक्‍टर मौजूद है।

जापान के मौसम विभाग ने कहा है कि यह ज्‍वालामुखी रविवार को रात में स्‍थानीय समयानुसार करीब 8 बजकर 5 मिनट पर भड़का। जापानी एजेंसी के निगरानी कैमरे ने दिखाया कि धुएं का गुबार या राख ज्‍वालामुखी से निकल रही है। मौसम विभाग ने लेवल 5 का अलर्ट जारी करके लोगों को इलाका खाली करने का आदेश दिया है। यही नहीं कागोशिमा प्रांत और कागोशिमा शहर के लोगों को सलाह दी गई है कि वे सतर्क रहें।

Credit: Dristhi IAS

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